ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में रैणी गांव के ग्रामीण लोगों ने क्या अहम् जानकारी दी, जानें

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द स्पेशल न्यूज़ //दिल्ली - देहरादून ब्यूरो// उत्तराखंड के ऊंचाई वाले स्थान पर ग्लेशियर क्षेत्र हमेशा से पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान होता है। इन ग्लेशियर क्षेत्र की निगरानी या इनमें हो रहे परिवर्तनों को लेकर न केवल पर्यावरविद चिंतित रहते हैं बल्कि सरकार के आदेश पर स्थानीय प्रशासन समय-समय पर जानकारी एकत्र कर विश्लेषण भी करते रहते हैं । ऐसे ही एक ग्लेशियर क्षेत्र ऋषि गंगा से कुछ आवश्यक सूचना पता चली। 


गौरतलब है कि ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में रैणी गांव के ग्रामीण लोगों ने ग्लेशियर में दरारें होने की सूचना स्थानीय प्रशासन को कुछ दिन पहले दी। इस सूचना पर तुरंत अमल करने का आदेश जिला अधिकारी ने दिया और एक टीम को वहां जाकर जानकारी एकत्रित करने के लिए कहा । स्थानीय प्रशासन के आग्रह पर सर्वेक्षण के लिए वैज्ञानिकों की टीम 29 मई को देहरादून से हेलीकॉप्टर से ग्लेशियर क्षेत्र के लिए रवाना कर दी गयी। इस टीम के साथ जोशीमठ से आईटीबीपी, एसडीआरएफ और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम भी ऋषिगंगा के उद्गम स्थल तक गई थी।

 ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में ग्लेशियरों का सर्वेक्षण कर टीम वापस लौट आई है। " टीम ने ऋषि गंगा के उदगम में बनी झील का निरीक्षण भी किया है। रैणी गांव के ग्रामीणों के द्वारा दी गयी सूचना पर हमने तुरंत टीम को क्षेत्र में भेजा और उन्होंने जानकारी दी है कि अभी ग्लेशियर से तात्कालिक कोई खतरा नहीं है", यह जानकारी जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने दी। 

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