हाईटेक अपराधी: पुलिस न पकड़ पाए, इसलिए करता था ग्रेट ब्रिटेन की सिम का उपयोग

हाईटेक अपराधी: पुलिस न पकड़ पाए, इसलिए करता था ग्रेट ब्रिटेन की सिम का उपयोग

@ the special news

इंदौर का 30 हजार का इनामी भूमाफिया चंपू अजमेरा गिरफ्तार, भाग रहा था कि जवानों ने तान दी पिस्तौल, जमीनों की धोखाधड़ी में थी पुलिस को तलाश, उप्र और नेपाल में भी फरारी काटी
इंदौर ब्यूरो.
एक बार फिर इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस के एएसपी राजेश दंडोतिया को बड़ी सफलता मिली है। सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन की हेराफेरी और फर्जी फ्लॉट बेचने का आरोपी भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा को क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। चंपू लंबे समय से फरार चल रहा था। उस पर 30 हजार का इनाम था। चंपू पीडि़तों से सेटलमेंट के इरादे से खुद कार चलाकर इंदौर की ओर आ रहा था। चंपू पर थाना बाणगंगा, लसुडिय़ा, तेजाजी नगर, तुकोगंज थाना क्षेत्र में 15 मामले दर्ज हैं। इनमें से तीन में वह पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, जबकि 15 मामलो में उनकी गिरफ्तारी होना है। चंपू के कई नेताओं से संबंध भी बताए जाते हैं।

चंपू ने अपने परिवार के साथ मिलकर फीनिक्स टाउनशिप समेत कई अन्य कॉलोनी काटकर लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। दिसंबर 2019 में भूमाफिया अजमेरा की तलाश में पुलिस ने उसके घर पर दबिश देकर पत्नी योगिता से पूछताछ की थी। इसके बाद योगिता को गिरफ्तार कर लिया गया था। क्योंकि वह चंपू की कंपनी के बोर्ड में शामिल है।

यूके की सिम का इस्तेमाल

पुलिस के अनुसार वह अपने साथियों के साथ यूके (यूनाइटेड किंगडम) की सिम का इस्तेमाल करते था और वह पुलिस की पकड़ में न आए, इससे वह अपने साथियों से वीडियो कॉल करके बात करता था, लेकिन क्राइम ब्रांच ने आखिरकार उसे दबोच लिया। वह भाग रहा था, लेकिन पुलिस जवानों ने उस पर पिस्तौल तान दी, इससे वह घबरा गया। और उसे गिरफ्तार किया गया।

एएसपी राजेश दण्डोतिया ने बताया कि कुख्यात भूमाफिया चम्पू उर्फ रितेश अजमेरा पिता पवन अजमेरा निवासी पालीवाल नगर के खिलाफ लसूडिया और बाणगंगा थाने के 7 अपराधों में तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक सफेद रंग की फार्चुनर गाड़ी में चंपू अजमेरा उज्जैन से इंदौर की ओर आ रहा है। इस सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने सांवेर रोड पर घेराबंदी की। जहां से पुलिस ने चंपू को हिरासत में लिया। पुलिस ने बताया कि चम्पू उर्फ रितेश अजमेरा व अन्य के खिलाफ थाना बाणगंगा में कालंदी गोल्ड सिटी को लेकर 4 अपराध दर्ज है, जिसमें से एक अपराध में वह गिरफ्तार हो चुका है, जबकि तीन में बाकी है। वहीं लसूडिय़ा थाने में फिनिक्स टाउनशीप को लेकर चम्पू उर्फ रितेश अजमेरा व अन्य के खिलाफ 11अपराध दर्ज है। उक्त सभी मामलो में से एक मामले में उसकी गिरफ्तारी की गई, शेष 10 मामलों में उसकी गिरफ्तारी शेष है। इसके अलावा भी उसके खिलाफ विभिन्न थानों में कई अपराध दर्ज हैं।


पुलिस ने बताया कि रितेश उर्फ चम्पू अजमेरा पुलिस द्वारा भूमाफिया के विरुद्ध चलाए गए अभियान के दौरान शहर छोड़कर चला गया था। उसने फरारी उज्जैन, उत्तर प्रदेश व नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में काटी है। वह तालाबंदी के बाद पंजीबद्ध अपराधों में प्लाट खरीदारों से सेटलमेन्ट व बात करने उज्जैन से इन्दौर अपने फार्चुनर गाड़ी से आ रहा था।


जिस प्लॉट के पैसे दिए, वह मौके पर था ही नहीं
पुलिस ने सुखलिया के सीजेआरएम में रहने वाले मोहनलाल श्रीवास्तव की शिकायत पर चंपू के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। मोहनलाल ने पुलिस को बताया कि उसने चंपू की कंपनी फीनिक्स देवकॉन की कॉलोनी में 2009 में प्लॉट खरीदा था। उसका पूरा पैसा दे दिया। इसकी रजिस्ट्री भी हो गई। कुछ समय बाद कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि वहां कोई प्लॉट ही नहीं था। चंपू से प्लॉट का बोला तो उसने धमकाया। दूसरा केस बजरंग नगर निवासी हीरालाल मलेरिया की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उन्होंने 2010 में फीनिक्स देवकॉन में प्लॉट लिया था। नक्शे में चंपू ने जो जगह बताई, वहां प्लॉट मौजूद ही नहीं था। उस पर जमीन से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसमें अकेले फीनिक्स देवकॉन से ही आधा दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं।

हाईटेक अपराधी: पुलिस न पकड़ पाए, इसलिए करता था ग्रेट ब्रिटेन की सिम का उपयोग

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