चार-पांच दिन पानी नहीं आया तो फसलों को होने लगेगा नुकसान
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नया दबाव नहीं बनने से एक सप्ताह बरसात की संभावना नहीं
कोरोना संक्रमण के फसल नहीं बेच पाए किसान, अब फसल लेने के लिए बारिश ही नहीं
इंदौर ब्यूरो। कोरोना के बाद अब मौसम किसानों पर दोहरी मार देने जा रहा है। आषाढ़ माह के बाद अब सावन के भी आठ दिनों में अच्छी बरसात नहीं हुई जिससे अब फसलों को नुकसान होने की संभावना है। अगले एक सप्ताह तक बरसात नहीं हुई तो इंदौर जिले में फसलें नष्ट होने का डर है जबकि महू क्षेत्र में तीन से चार दिन में ही फसलों को नुकसान शुरू हो जाएगा।
कोरोना संक्रमण के चलते किसानों की फसल जहां बिक नहीं पाई वहीं अब फसल लेने में बारिश मुसीबत बनती जा रही है। बारिश नहीं हुई तो किसान को पिछले 6 माह में दूसरी बार घाटा उठाना पड़ेगा। बारिश का पहला महीना आषाढ़ लगभग सूखा गुजर जाने के बाद अब सावन में भी पिछले एक सप्ताह से रिमझिम होने के बाद अब मौसम पूरी तरह साफ हो गया है और बरसात की संभावना पूरे सप्ताह नजर नहीं आती है। पिछले मानसून में इंदौर में बरसात नहीं के समान थी। जबकि अब नया दबाव नहीं बनने से बरसात होने के आसार सात आठ दिन तक दिखाई नहीं दे रहे। ऐसी स्थिति में फसलों को नुकसान होने की संभावना है। इंदौर जिले में लगभग ढाई लाख हेक्टेयर जमीन में बोनी पूरी हो चुकी है। फसलें उंगकर अब लहलहाने लगी है, लेकिन 5 से 6 दिन में पानी नहीं आया तो बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हो जाएगा।
महू में पानी की जरूरत अधिक
जिले की महू तहसील में खेड़ी, पथरीली और ढलान वाली जमीन होने से वहां नमी कुछ कम है। अगले चार-पांच दिनों में पानी नहीं आया तो महू क्षेत्र की 25 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन में फसलें नष्ट हो सकती है।
आरा चलाने की सलाह
कृषि विभाग के अधिकारी गोपेश पाठक के अनुसार अभी जमीनों में नीचे नमी है, लेकिन ऊपर की तरफ मिट्टी सूखने के कारण हमने किसानों को सलाह दी है कि जमीनों में डोरा चलाने का काम शुरू कर दें, ताकि फसलों की सुरक्षा हो सके और मिट्टी में नमी बनी रहे।