सरकार बनाने में अहम है मालवा -निमाड़, 20 साल बाद कांग्रेस ने जीती थी 40 से अधिक सीट

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भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए बेहद खास है मालवा-निमाड़ महत्वपूर्ण
इंदौर ब्यूरो.
वर्ष 2018 में कांग्रेस ने मालवा -निमाड़ के दम पर ही सरकार बनाई थी। मालवा की बदनावर सीट पर कांग्रेस के राजवर्धन दत्तीगांव जीते थे, हालांकि उनकी जीत में भाजपा के बागी राजेश अग्रवाल का बड़ा रोल था। दत्तीगांव सिंधिया के साथ भाजपा में चले गए और बदनावर सीट खाली हो गई।
कांग्रेस मालवा-निमाड़ के किले को बचाए रखना चाहती है। इससे यहां बीते दिनों कांग्रेस ने बड़ा समेलन आयोजित किया था, इससे जाहिर हुआ कि पार्टी मालवा-निमाड़ के अपने वर्चस्व को खत्म नहीं देगी, इसके लिए कोई कोर-कसर बाकी भी नहीं रहेगी। 2018 के चुनाव के बाद बदनावर में धार जिले के सभी बड़े नेता गजेंद्र सिंह राजू खेड़ी, हनी बघेल, उमंग सिंघार, बालमुकुंद सिंह गौतम और कुलदीप बुंदेला एकजुट हैं। झाबुआ के विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को भी बदनावर की जिम्मेदारी दी गई है ताकि आदिवासी वोटों को रिझाया जा सकें। भूरिया बदनावर में दो बार प्रवास कर चुके हैं। मध्य प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने मालवा-निमाड़ के लिए नई रणनीति बनाई है, इसके तहत कई प्रमुख नेताओं को आगे किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ में 20 साल बाद 2018 में 65 सीट में से 40 सीटों से ज्यादा जीती थी।

दिग्गज बने प्रमुख, मॉनीटर करेंगे सीट
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने कांग्रेस ने हाटपिपलिया और सांवेर विधानसभा के लिए पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और आगर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के लिए जयवर्धन सिंह और सज्जन वर्मा को प्रभारी बनाया है। मंदसौर लोकसभा के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र को राहुल गांधी के प्रायवेट राजनीतिक सचिवालय की प्रमुख सदस्य मीनाक्षी नटराजन मॉनिटर करेंगी।


धार की बदनावर सीट को पूर्व मंत्री उमंग सिंघार, सुरेंद्र सिंह हनी बघेल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, अनुसूचित जनजाति आयोग के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी मॉनिटर करेंगे। हाटपिपलिया और सांवेर में खाती समाज का खासा दबदबा है। इससे पूर्व मंत्री जीतू पटवारी मालवा और निमाड़ अंचल की पांच सीट पर प्रमुख भूमिका निभाएंगे।

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