ऊन की हाथों से बनी स्वैटर की बढ़ रही मांग, प्रधानमंत्री के लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने का हो रहा असर 

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द स्पेशल न्यूज़ //दिल्ली ब्यूरो//इस सर्दी में अब बाज़ारों में गर्म कपड़ों की दुकाने woolen स्टॉक्स के साथ पूरी तरह से तैयार है। दुकानदार सभी आयु वर्ग के अनुसार विंटर वियर भी बेहतरीन डिज़ाइन में उपलब्ध करा रहे हैं।  

 

मगर इस सर्दियों के मौसम में लोगों में तरह -तरह के विंटर परिधान खरीदने के साथ दुकानदारों से ऊन की हाथों से बनी स्वैटर की भी मांग कर रहे हैं।

 

दिल्ली के बड़े बाज़ारों में से एक सरोजिनी नगर के व्यापारी मुकेश गर्ग कहते हैं कि वैसे तो सभी ठण्ड से बचाव में उपयोगी स्वेटर, जैकेट्स, woolen wear की सभी बेहतरीन प्रोडक्ट्स उनके पास उपलब्ध हैं, पर अब ग्राहक उनसे हाथों से बनी ऊन की स्वैटर की मांग ज्यादा कर रहे हैं।  कुछ सालों से इनकी डिमांड साल दर साल कम हो रही थी। शायद लोग उन महिलाओं को सहयोग करना चाहते हैं जो हाथों से स्वेटर बनाकर अपने परिवार का भरण -पोषण करती हैं। 

 

52 साल के रोहित हाथों से बनी ऊनी स्वेटर खरीदने पर बताते हैं कि बचपन में इस तरह की स्वेटर पहनते थे ,जो उनकी माँ बनाती थी, उनकी मेहनत देखी है और जब में पहनता था तो माँ को बहुत ख़ुशी होती थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब लोकल प्रोडक्ट खरीदने की बात कही तो मुझे लगा कि वो महिलाएं जो आजीविका के लिए बड़ी मेहनत से ऊनी स्वेटर बनाती है, उन स्वेटर को यदि आम व्यक्ति ख़रीदे तो महिलाओं को जीवन -यापन करने में आसानी होगी, इसलिए मैने 2 स्वेटर ख़रीदे हैं जिसे में ख़ुशी से पहनूँगा। 

रोहित की तरह कई ग्राहक हाथों से बनी स्वेटर को खरीद रहे हैं और पहनना भी चाहते हैं।  इस तरह की सोच ने जहाँ व्यापारियों को हाथों से बनी ऊनी स्वेटर को दूकान पर उपलब्ध कराया है वही ऐसा होने पर स्वरोज़गार को भी बढ़ावा मिल रहा है।  
 

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