50 वर्षो पुरानी रथयात्रा परम्परा रही जीवित, भक्तो ने कि प्रभु वेंकटेश की अगवानी

50 वर्षो पुरानी रथयात्रा परम्परा रही जीवित, भक्तो ने कि प्रभु वेंकटेश की अगवानी

@ the special news

  • देश की तीसरी पारम्पारिक गौरवशाली रथयात्रा निकली छत्रीबाग वैंकटेश देवस्थान से
    इंदौर। पावनसिद्ध धाम श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग से देश की तीसरी सबसे बड़ी पारंपरिक गौरवशाली रथयात्रा गोविंदा गोविंदा के जय कार के साथ निकली। हर भक्त की निगाह ठाकुरजी की एक झलक पाने को अपलक निहार रही थी। हर भक्त के मन दिल नेत्रो में प्रभु वेंकटेश नजर आ रहे थे।
  • भगवन वेंकटेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए शहर में पूरे लाव लश्कर के साथ रजत रथ में विराजमान होकर छत्रीबाग में नगर भ्रमण पर निकलें। साथ में रामानुजाचार्य श्रीनागोरियापिठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज यात्रा में पैदल भक्तो के बीच आशीर्वाद प्रदान करते चल रहे थे और भक्त गुरुदेव के चरणों का पूजन चरण स्पर्श कर रहे थे। इसके बाद वेंकटरमणा गोविन्दा के उदघोष के साथ रथयात्रा शुरू हुई। भक्तो ने ठाकुरजी की अगवानी के लिए अपने घरों पर ही दीपक लगाकर सुसज्जित किया था। मार्ग पर रंगोली का निर्माण भी किया गया था। रथ के आगे शहनाई वादक मधुर गोविंदा गोविंदा की धुन बजा रहे थे ओर सभी गोविंदा गोविंदा का जय घोष कर रहे थे। साथ रथयात्रा छत्रीबाग परिसर से ही पुन: मंदिर परिसर में आ गई।

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