यहां पर अनुसूइया माता ने दिए थे दिव्य वस्त्र

यहां पर अनुसूइया माता ने दिए थे दिव्य वस्त्र

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  • ऐसे वस्त्र जो कभी खराब या गंदे नहीं होते थे

चित्रकूट ब्यूरो। मदांगिनी नदी के समीप जब माता अनुसूइया से सीताजी मिली तो उन्हें उन्होंने ऐसे वस्त्र दिए जो वनवास के समय काम आएंगे। ऐसे वस्त्र दिए जो कभी गंदे नहीं होंगे और न ही खराब होंगे। वनवास के दौरान सीता ने ऐसे वस्त्र पहने थे।

ऐसी है गुफा

राम के वनवास के पहले एक प्राकृतिक गुफा है। कहते है कि खुद विश्वकर्मा ने यह गुफा को तैयार किया था। राम लक्ष्मण के साथ ऋषि-मुनियों का दरबार लगाए करते थे। इस गुफा में एक काला पत्थर है जो मयंक राक्षस का रूप माना जाता है। यहां पर बहने वाला पानी गोदावरी नदी का है। गोदावरी सीताजी की सहेली थी। गोदावरी रामजी के दर्शन के लिए गुफा में प्रकट हुई। इसे गुप्त गोदावरी कहते है।

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