पाषण काल की खड़े गणेश की प्रतिमा के गर्भ गृह में चढ़ाया चांदी का आवरण

पाषण काल की खड़े गणेश की प्रतिमा के गर्भ गृह में चढ़ाया चांदी का आवरण

  • गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले 11 किलों चांदी का आवरण का काम पूरा

इंदौर ब्यूरो। माह में एक दिन पुष्य नक्षत्र में काले पत्थर को तराश्कर बनाए गई गणेश प्रतिमा विश्व प्रसिद्ध है। महाकाल की तर्ज पर यहां पर भी गर्भ गृह में चांदी का आवरण तैयार किया गया है। गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले 11 किलो चांदी से तैयार आवरण व यंत्र का काम पूरा हो चुका है।

श्री श्रीगौड़ विद्या मंदिर जुनी इंदौर में विराजित श्री चिंताहरण गणेश महाराज का मंदिर इंदौर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। ऐसा कहा जाता है की यहां की मूर्ति पुष्प नक्षत्र में ही निर्माण की गई है जो कि पास में ही बह रही कान्ह नदी में से निकाले गए 6 फ ीट के काले पाषाण की बनी हुई है। जो कि लगभग 600 से 700 वर्ष पूर्व बनाई गई है। इन्हें सारे इंदौर में खड़े गणेश जी के नाम से भी जाना जाता है। कई भक्तगण यहां पर अपनी मुरादे लेकर आते हैं वह मुरादे पूरी होने पर गणनाथ जी को धन्यवाद अदा करने आते हैं। श्री श्रीगौड़ विद्या मंदिर संस्था के संचालक इंजीनियर मनोज पंडित ने बताया कि भक्तों के सहयोग से भगवान गणनाथ के गर्भ गृह में लगभग 11 किलो चांदी का उपयोग कर आवरण चढ़ाया गया है। जिससे देखते ही वहां की शोभा एकदम से निखार आता है। शनिवार को गणेश महोत्सव पर विधिवत पूजन गणेश चतुर्थी के दिन किया जाएगा।


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