तीन शिक्षा माफियाओं ने चार हजार छात्रों के नाम पर हजम किए दो सौ करोड़ रूपए

जांच में पीजीडीएम छात्रवृत्ति घोटाला

इंदौर। पिछड़ा वर्ग के स्नातक कर चुके छात्रों के लिए सरकार ने प्रबंधन की दो साल की मास्टर डिग्री पीजीडीएम के लिए सरकार ने 1 लाख 69 हजार रूपए प्रति छात्र प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति देना शुरू किया था। प्रदेश सरकार द्वारा दी गई इस छात्रवृत्ति के लिए पिछले तीन-चार साल में 21 कॉलेज हो चुके हैं लेकिन चार साल पहले कुछ गिने-चुने कॉलेज ही थे जो अल्पसं यक एवं पिछड़ावर्ग कल्याण विभाग से पीजीडीएम की छात्रवृत्ति के लिए प्रवेश देते थे। पिछले चार सालों में रेनेसा विश्व विद्यालय, ऑक्सफोर्ड कॉलेज और आईएसबीए कॉलेज के संचालकों ने करीब हर साल चार हजार छात्रों को प्रबंधन पढ़ाने के लिए पिछले चार सालों में दो सौ करोड़ रूपए से अधिक की छात्रवृत्ति सरकार से ली। लेकिन इन कॉलेजों में कितने छात्रों ने नियमित रूप से अध्ययन किया यह जांच का विषय है। पिछले दिनों विभाग के आयुक्त द्वारा संभागायुक्त इंदौर को पत्र लिखकर इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। फिलहाल मामला जांच में है।
कम की छात्रवृत्ति

पीजीडीएम के लिए सरकार द्वारा पिछले कई वर्षो से 1 लाख 69 हजार रुपए प्रतिवर्ष प्रति छात्र दिया जा रहा था, लेकिन इस साल से सरकार ने यह छात्रवृत्ति घटाकर 40 हजार रूपए प्रतिवर्ष प्रति छात्र कर दी है। बताया जाता है कि इस संबंध में आदेश ाी जारी हो चुके हैं।

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