जज पिता और बॉडी बिल्डर बेटे की मौत से मचा हड़कंप


बैतूल . रविवार को सनसनीखेज खबर आई है। मप्र के बैतूल जिला मुख्यालय में एक जज और उनके पुत्र की पुत्र की फूड प्वाजनिंग से मौत की जानकारी के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। दोनों की अचानक मौत होने से लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैतूल जिला न्यायालय में पदस्थ एडीजे महेन्द्र कुमार त्रिपाठी अपने कालापाठा स्थित निवास में अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। रात को दोनों ने भोजन किया। घर में कुल 6 चपाती बनी थी। पत्नी ने चावल व पिता और दोनों बेटों ने 2–2 चपाती खाई। खाना खाने के बाद पिता-पुत्र की हालत बिगड़ गई। दोनों को दिन भर उल्टी-दस्त होते रहे। पत्नी ने घर पर ही इलाज किया, इसके बाद 23 जुलाई को सूचना मिलने पर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. एके पांडे और डॉ. आनंद मालवीय उन्हें देखने पहुंचे। दोनों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करने की बात कही लेकिन एडीजे त्रिपाठी ने एंबुलेंस बुलाई और पाढर अस्पताल जाने को कहा।

पाढर के अस्पताल में मौजूद रिकार्ड के अनुसार पिता-पुत्र 23 जुलाई को भर्ती हुए। इलाज के बाद दोनों की हालत में कुछ सुधार भी आया। कई लोग शनिवार को उनसे मिले थे और दोनों ने अच्छी बात की थी। साथ ही अस्पताल से जल्द छुट्टी होने की बात कही थी, लेकिन शनिवार को अचानक दोनों की तबीयत बिगड़ी और पाढर से नागपुर एलेक्स अस्पताल के लिए भेजा गया।

जज पिता पुत्र की मौत से हड़कम्प

पुलिस के मुताबिक जज त्रिपाठी के बयान हो चुके थे, उन्होंने आटे की जांच की बात कही थी। पुलिस ने आटा जब्त किया है। साथ ही घर सील कर दिया है।

छूट गए कई प्रश्न
बताया जाता है कि आटा इंदौर से आया था। वहीं जज त्रिपाठी डायबिटीज और बीपी के मरीज थे। वहीं उनका बेटा बाडी बिल्डर था, ऐसे में फूड प्वाइजनिंग से मौत होना समझ से परे हैं.
आम तौर पर फूड प्वाजनिंग कंट्रोल में आ जाती है। दोनों पिता-पुत्र के शव का पीएम नागपुर में किया गया। अंतिम संस्कार पैतृक गांव कटनी में किया जाएगा। अंतिम संस्कार करने की खबर है। न्यायाधीश के परिजन नागपुर पहुंच चुके हैं।

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