कोरोना के कारण अटके सहकारी संस्थाओं के चुनाव


मार्च में रूकी थी प्रक्रिया अब अगस्त बाद ही संभव
भोपाल ब्यूरो। जिले में मार्च से लेकर अब तक कई सहकारी संस्थाओं के के चुनाव करवाए जाना था, लेकिन पहले लॉकडाउन और अब सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के चलते सहकारी संस्थाओं के चुनाव अटक गए हैं तथा बड़ी सं या में संस्थाऐं अब प्रशासकों के हवाले हैं। ऐसे में सहकारिता अधिकारियों का काम भी बढ़ गया है।
जिले में पंजीकृत गृह निर्माण संस्था, साख संस्था, प्राथमिक उपभोक्ता भंडार तथा पेक्स आदि की तरह सहकारी संस्थाओं के संचालकों का कार्यकाल पूरा हो जाने से पुन: चुनाव होना था। लेकिन कोरोना के चलते मार्च से ही चुनाव की प्रक्रिया बंद है तथा आगामी सितंबर तक चुनाव होने की कोई संभावना नहीं है। मार्च से लेकर अब तक ही 100 से अधिक संस्थाओं के चुनाव लंबित हो गए हैं जबकि सहकारिता अधिकारियों की माने तो जुलाई-अगस्त में ही करीब 25 संस्थाओं के चुनाव होना था जो वर्तमान स्थिति के कारण नहीं हो पाए हैं। इन संस्थाओं में से अधिकांश में फिलहाल प्रशासक नियुक्त किए जा चुके हैं तो कुछ संस्थाओं में प्रशासकों के नियुक्तियों को 6 माह हो चुके हैं। कुल मिलाकर अब सितंबर अथवा अक्टूबर में जब चुनाव शुरू होंगे तो थोकबंद संस्थाओं के चुनाव करवाना पड़ेगा। फिलहाल तो शासन के निर्देश पर निर्वाचन प्राधिकारी ने चुनाव कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। ज्ञात रहे कि जिले में करीब 3300 संस्थाएं रजिस्टर्ड है इनमें लगभग 70 प्रतिशत संस्थाऐं चालू स्थिति में है जो वर्तमान में कार्यरत है। इन संस्थाओं में 5 साल के लिए संचालकों का प्रतिनिधिमंडल चुना जाता है।


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