कोरोना काल में घर-घर विराजेगें गणेश, संक्रमण से मुक्ति के लिए होगी आराधना

कोरोना काल में घर-घर विराजेगें गणेश, संक्रमण से मुक्ति के लिए होगी आराधना

गणेश चतुर्थी विशेष 22 अगस्त को

इंदौर ब्यूरो। कोरोना काल में घर-घर में 22 अगस्त से गणेशजी विराजित होंगे। संक्रमण से मुक्ति के लिए आराधना की जाएगी। इस बार वैसे तो सार्वजनिक आयोजन नहीं होंगे। न तो चल समारोह निकलेंगे और न ही कोई आयोजन किए जाएंगे। मूर्ति भी छोटी ही विराजित की जाएगी।

ज्योतिषाचार्य मितेश मालवीय ने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। साल 2020 की गणेश चतुर्थी 22 अगस्त 2020 शनिवार को है। भगवान गणेश जी का जन्म दोपहर हो हुआ था। गणेश स्थापना मुहर्त प्रात: 11.03 से दोपहर डेढ़ बजे तक है। इस गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन वर्जित रहते है। भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन किये थे और उन्हें मणि चुराने का कलंक लगा था। श्रीगणेश जी को पूर्व या पश्चिम मुखी दिशा में विराजमान करना चाहिए।

गणेश प्रतिमा का स्वरूप
भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को लाते समय ध्यान रहे कि गणेशजी की सूंड दाहिनी ओर हो, आलकी पालकी लगा कर बैठे हो या फि र दाहिना पैर जमीन पर हो। रिद्धि सिद्धि साथ हो, कही से भी मूर्ति खंडित ना हो, आँखे खुली हुई हो। उनका वाहन मूषक अवश्य साथ हो। इकोफ्रेंडली मिट्टी की मूर्ति लाए।
न करें मोल भाव
एक विशेष बात हम भगवान को आनंद के साथ न्योता दे कर घर लाने वाले होते है। इसलिए जिस किसी भी मूर्तिकार ने भगवान को रूप दिया है उससे भगवान के भाव मोल ना करे। आपने बजट की प्रतिमा पसंद कर अनान्द से, मूर्तिकार को एक रु ऊपर दे कर श्रीगणेश जी को घर लाए। क्योंकि जब भगवान गणेश देंगे तो सारी दरिद्रता हर लेंगे।
गणेशजी की पसंद
मोदक –
गणेशजी को मोदक के लड्डू बहुत पसंद है, इसलिए मोदक के लड्डू चढ़ाने चाहिए। जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा है या जन्मपत्रिका में विवाह का दोष हो तो उन्हें पीले मोदक के लड्डू चढ़ाना चाहिए।
दूर्वा – गणेशजी को भोजन अति प्रिय है एक बार उन्हीने ज्यादा भोजन कर लिया और उनका पेट खराब हो गया। वैद्य और उनके माता-पिता परेशान होते रहे किंतु उनका पेट ठीक नही हुआ। तब उन्होंने दूर्वा खाई ओर गणेशजी के पेट का दर्द खत्म हुआ, तभी से गणेशजी को दूर्वा बहुत पसंद है। गणेशजी को 21 दूर्वा चढ़ानी चाहिए। साथ ही पान रोली कुंकु चावल श्रीफल इत्यादि चढ़ाने चाहिए।
वर्जित – भगवन श्रीगणेश को तुलसी नही चढ़ानी चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान

  • ऐसे जातक या दम्पति जिन्हें संतान उत्पन्न नही हो रही है वे बाल गणेश की प्रतिमा घर लाए।
  • ऐसे जातक जिनके विवाह में विलम्ब हो रहा हो वो गणेश जी के साथ रिद्धि सिद्धि वाली प्रतिमा स्थापित करे।
  • ऐसे जातक जिनके घर मे क्लेश अशांति ओर अशुभता रहती है वो नृत्य करते हुए गणेशजी स्थापित करे , लाभ मिलेगा।

– जिन जातकों की जन्मपत्रिका में केतु भगवान छटे भाव में या आठवे भाव में या बारवें भाव पीडि़त हो कर बैठे हो तो उनको गणेश जी विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए।

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