कब शुरू होगी कोर्ट…टूटा अभिभाषकों के सब्र का बांध

कब शुरू होगी कोर्ट…टूटा अभिभाषकों के सब्र का बांध

@ the special news

तारीख पर तारीख से नाराज अभिभाषक संघ

लॉक डाउन से प्रभावित 6 हजार अभिभाषकों ने एससी और हाईकोर्ट को कहा, जल्द शुरू करें कोर्ट

100 दिन से बंद है कोर्ट, नहीं मिल रहा है पीड़ितों को न्याय

इंदौर जिला कोर्ट में रोजाना होती है 10 हजार मामलों की सुनवाई

अभिभाषक भी करेंगे कोरोना एसओपी का पालन, जल्द शुरू करें कोर्ट

इंदौर । इंदौर जिला कोर्ट में 62 से अधिक कोर्ट है और इन सभी कोर्ट में रोजाना 20 हजार से अधिक मामलों की रोजाना सुनवाई होती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट की कार्रवाई पूरी तरह डाउन है, केवल अर्जेंट मामलों की सुनवाई की जा रही है, इससे कोर्ट में आने वाले 6 हजार अभिभाषक भी परेशान है, इससे अभिभाषकों का सब्र का बांट टूट रहा है और अब अभिभाषक खुद ही कोर्ट शुरू करने की कार्रवाई कर सकते हैं, क्योंकि प्रशासन कोर्ट के अलावा सभी बाजार, मॉल खोल चुका है। जिला बार संघ ने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट को चिट्‌ठी लिखकर एख तरह से रोष जाहिर किया है।

इंदौर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार वर्मा, सचिव कपिल बिरथरे ने बताया कि इंदौर जिला बार एसोसिएशन एवं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को जिला कोर्ट के बार हॉल में बैठक आयोजित की। जिसमें निर्णय लिया कि हाईकोर्ट से निवेदन किया जाएगा कि अब कोर्ट को खोलने के लिए तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाए, क्योंकि अब 100 दिन से अधिक हो गए है और कोर्ट बंद है, इससे हजारों पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। साथ ही इंदौर जैसे महानगर में 6 हजार से अधिक वकील इसी पेशे पर निर्भर है।

वरिष्ठ अभिभाषक एवं एजीपी श्याम दांगी ने कहा कि मप्र में होशंगाबाद, झाबुआ, डिंडोरी, आलीराजपुर सहित सात जिलों में कोर्ट शुरू हो चुकी है। सभी शासकीय कार्यालय भी खुल चुके हैं, लेकिन इंदौर कोर्ट को शुरू करने में क्या समस्या है।

अभिभाषकों में रोष

अभिभाषकों में इस बात को लेकर जबरदस्त नाराजी है कि जिला कोर्ट शुरू करने के लिए लगातार एक–एक सप्ताह तारीखें आगे बढ़ाई जा रही है। जबकि इंदौर में सभी बाजार, मॉल और सैलून तक खोले जा रहे है तो फिर कोर्ट को पुन: शुरू करने में बार-बार क्यों तारीखें बढ़ाई जा रही है, इससे अभिभाषकों के साथ पीड़ितों की समस्या बढ़ती जा रही है। अभिभाषकों ने कहा कि देश में सभी कोर्ट में तीन करोड़ से अधिक मामले पेंडिंग है और जजों की संख्या भी कम है, ऐसे में पेंडिंग केसों की सुनवाई नहीं हो रही है और नए केसों को लगाने में भी समस्या आ रही है। अभिभाषकों को नए केसों लगाने के लिए ऑनलाइन काम करने का कहा जा रहा है, लेकिन अधिकांश अभिभाषक इन्टरनेट फ्रेंडली नहीं है, इससे उन्हें समस्या का सामना करना पड़ा रहा है।

करेंगे कोरोना दूर करने के नियमों का पालन

जिला बार एसोसिएशन के सचिव कपिल बिरथरे ने बताया कि कोर्ट को जल्द शुरू किया जाना चाहिए। अभिभाषकगण भी सरकार के कोरोना संबंधी नियमों का पालन करेंगे। दो गज दूरी, सेनीटाइजर का उपयोग और मास्क भी लगाएंगे। बैठक में बताया कि वैज्ञानिक व डॉक्टर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि अब कोरोना के साथ ही जीना है तो फिर अभिभाषक भी इन नियमों का पालन करेंगे। ऐसे में कोर्ट को शुरू किया जाना चाहिए। बैठक का एजेंडा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति एवं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधिपति को शीघ्र भेजा जाएगा।

जिसमें कहा है कि यदि कोर्ट को नियमित रूप से शुरू नहीं किया गया तो अभिभाषक संघ बैठक लेकर आगे कार्रवाई करेगा। बैठक में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष लोकेश भटनागर, सचिव पंकज सोहनी, इंदौर जिला बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष दिनेश हार्डिया, वरिष्ठ अभिभाषक एपी पोलेकर, पूर्व संघ अध्यक्ष सुनील चौधरी सह सचिव अमित पाठक, कार्यकारिणी सदस्य अक्षय बाजपेयी, राजकुमार सिंह कौशल आदि भी उपस्थित थे।

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