15 दिन में 2 ग्रहण से भीषण आपदा के संकेत , एक मास में तीन ग्रहण के साथ ही सूर्य, मंगल व गुरु ग्रहों का परिवर्तन

15 दिन में 2 ग्रहण से भीषण आपदा के संकेत ,  एक मास में तीन ग्रहण के साथ ही सूर्य, मंगल व गुरु ग्रहों का परिवर्तन

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– गुरु पूर्णिमा व चूड़ामणि योग में स्नान, दान, जप और हवन करने का कोटि गुना महत्व
इंदौर; महू। प्रेतराज सरकार गुजरीखेडा मुक्तीधाम महू के मुख्य पुजारी व पंच दशनाम जूना के महंतश्री आनंद गिरी महाराज ने 5 जुलाई गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर लगने वाले चंद्रग्रहण के संबंध में विशेष चर्चा के दौरान बताया कि आने वाले चंद्र ग्रहण जो सूर्य ग्रहण के करीब 15 दिन में ही पड रहा़ हैं। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बीते एक पखवाड़े में दो ग्रहण ही नहीं एक महीने में ( 5 जून से 5 जुलाई 2020 तक) तीन ग्रहण होना ज्योतिष व अध्यात्म गुरु के अनुसार डराने वाले संकेत हैं। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा महंत आनंद गिरी महाराज (आत्या बाबा) के अनुसारए एक मास में तीन ग्रहण के साथ ही सूर्य, मंगल व गुरु ग्रहों का परिवर्तन व वक्री होने की वजह से भयंकर आपदा के संकेत मिल रहे हैं। जो भीषण विपदा का संकेत दे रहे हैं।

आनन्द गिरी महाराज ने बताया ज्योतिषीय गणना में ग्रहण के प्रभावों को बताती एक पुरानी कहावत एक पाख दो गहना, राजा मरे या सेना गांवों में प्रचलित है। इस कहावत का अर्थ है एक पक्ष (शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष) यानी 15 दिन में दो ग्रहण होने से या तो राजा की हत्या या सेना के मारे जाने का संकेत होता है। यानी भीषण विपदा का संकेत है। इन ग्रहण की वजह से कहा जा रहा हैं कि प्राकृतिक आपदा, जल प्रलय, विश्व स्तर पर युद्ध किसी राजनेता की हत्या जैसी घटनाएं घट सकती हैं। प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्याधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफ ान, भूकंप और महामारी आदि से जन-धन की हानि का खतरा है।
जून अंत में होगी भयंकर वर्षा
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश को जून के अंतिम माह और जुलाई में भयंकर वर्षा की आशंका है। इस साल मंगल जल तत्व की मीन राशि में पांच माह तक बैठेंगे। ऐसे में वर्षा असामान्य रूप से अत्यधिक होगी और महामारी का भय रहेगा। वहीं दूसरी ओर देश के सबसे मजबूत नेता और प्रदेश के दो मजबूत नेताओ की स्वास्थ्य व साख पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। देश प्रदेश की राजनीति में बदलाव के साथ हलचल के भी संकेत मिल सकते हैं। इसके साथ ही चोरी,लूट व हत्या की घटना में बढ़ोत्तरी होगी। जिनके अंत की शुरुआत 14 नवंबर से प्रारंभ होगी और 3 दिसंबर तक पूर्णता समाप्ति के कगार पर पहुंच चुकी होगी। जिसके साथ देश की आर्थिक गति मजबूती और पड़ोसी दुश्मन देश मैत्री के लिए भारत देश से आगे होकर हाथ बढ़ाएंगे तथा भारत पुन: एक बार मजबूत और विकासशील देश के नाम से अपनी पहचान बनाएगा।
इन राशियों में ग्रहण का असर
शुभ – मेष, सिंह, कन्या और मकर
मध्यम – वृषभ, तुला, धनु और कुंभ
अशुभ – कर्क, वृश्चिक और मीन, वृश्चिक राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा।

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