इंदौर की 374 अवैध कालोनियों सहित प्रदेश की सात हजार कालोनियों को वैध करने की तैयारी
भूमि विकास कानून में बदलाव करेगी प्रदेश सरकार
भोपाल ब्यूरो। अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी तथा इंदौर की 374 कॉलोनियों सहित पूरे प्रदेश की सात हजार से अधिक अवैध कालोनियों को वैध किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम के कॉलोनाइजर एवं रजिस्ट्रीकरण एक्ट में संशोधन किया जाएगा अथवा नया एक्ट बनाया जाएगा।
वर्षो पहले बसाई गई अवैध कालोनियों को वैध करने की योजना पर प्रदेश सरकार में फिर से तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए सरकार भूमि विकास अधिनियमों में बदलाव करेगी तथा इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, कटनी, सागर, उज्जैन, देवास, रतलाम, बुरहानपुर और खंडवा सहित अन्य शहरों की अवैध कालोनियों को वैध किया जाएगा। ज्ञात रहे कि इससे पूर्व 2017 में राज्य शासन ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की अधिसूचना जारी कर अवैध कालोनियों को वैध करने की कवायद शुरू कर दी थी। इसी बीच इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर न्यायालय ने रोक लगा दी थी। अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी इसके लिए सरकार ने कॉलोनाइजर एवं रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन एवं शर्तो में में संशोधन किया जाएगा अथवा नया एक्ट बनाया जाएगा, तत्पश्चात अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हांलाकि इस प्रक्रिया में बहुत लंबा समय लगेगा, लेकिन सब कुछ ठीक रहा तो इंदौर की करीब पौने चार सौ अवैध कालोनियों को लाभ मिलेगा।
तीन साल पहले की थी प्रक्रिया
पूर्व में शिवराज सरकार ने इसके लिए जिला प्रशासन एवं नगरीय निकायों को निर्देशित कर अवैध कालोनियों की सूची बनाकर उन्हें वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रक्रिया रोक दी गई थी अब भाजपा के फिर से सत्ता में आने के बाद अवैध कालोनियों को वैध करने की दिशा में जल्दी काम शुरू होगा।
ये लाभ मिलेगा
अवैध कालोनियों को वैध करने के बाद बिजली, पानी और सीवर लाइन सहित अन्य कार्य सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से करवाएगी। भूखंडों एवं मकानों का पंजीयन हो सकेगा जिससे बैंक ऋण की राह खुलेगी। अवैध कालोनियों के वैध होने के बाद भवन अनुज्ञा मिलेगी तथा संपत्तियों का नामांतरण भी आसान होगा।