आषाढ़ी एकादशी पर विठ्ठल भक्तों ने घर पर ही डूबकी लगाई भक्ति गंगा में

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पंढरपुर यात्रा के महत्व के बारे में बताया, फेसबुक पर लाइव आयोजन


इंदौर। आषाढी एकादशी के अवसर पर तरुण मंच और महाराष्ट्र समाज द्वारा विठ्ठल भक्तों के लिए भजन, कीर्तन, प्रवचन और पाउल भजन के कार्यक्रम का आयोजन फेसबुक पर लाईव प्रसारित किया गया। समस्त विठ्ठल भक्तों ने अपने घरों पर रहकर ही इस भक्ति गंगा में डुबकी लगाई ।

महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष सुनील धर्माधिकरी ने बताया कि इस अवसर पर भगवान विठ्ठल की मूर्ति की आकर्षक सजावट भी की गई थी । सदगुरु अण्णा महाराज ने विठ्ठल रुक्मणी की मूर्ति को तुलसी हार अर्पित कर पूजन किया । सुप्रसिद्ध भजन गायक विजय सुपेकर, भाऊराव जौंजाल, सुनील कोटेवाले, मनोहर शहाणे द्वारा विठ्ठल भजनों की प्रस्तुति दी गई । पुंडलिक वर दे हरि विठ्ठल के जय घोष के साथ भजनों की शुरुआत हुई । भजनों के साथ साथ पारंपरिक मराठी वेशभूषा में उपस्थित तरुण मंच के चुनिंदा युवाओं ने पाउल भजन और फु गडी नृत्य भी किया ।

यात्रा सामाजिक सदभाव की पे्ररणा
इसके पश्चात अण्णा महाराज ने अपने संक्षिप्त उदबोधन में कहा कि भगवान विठ्ठल की अनन्य भक्ति में निकलने वाली दिंडी यात्रा हमें सामाजिक सदभाव की प्रेरणा देती है । युवा कीर्तनकार ऐवज भांडारे ने अपने कीर्तन में भगवान पंढरीनाथ के अनन्य भक्त पुंडलिक की कथा का वर्णन किया । युवा वक्ता चित्रा गंधे ने महाराष्ट्र में आषाढी एकादशी के अवसर पर निकलने वाली पंढरपुर यात्रा के महत्व के बारे में बताया । कार्यक्रम का समापन महिलाओं द्वारा विठ्ठल आरती के साथ हुआ । फेसबुक पर लाईव देख रहे समस्त विठ्ठल भक्तों ने इस अवसर पर अपने घरों मे रहकर ही आरती में शामिल हुए ।

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