अब चीन नहीं स्वदेशी राखी बंधेगी कलाई पर

अब चीन नहीं स्वदेशी राखी बंधेगी कलाई पर

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चीनी राखियों के खिलाफ बड़ी पहल… स्वदेशी ‘सांसद राखी’ की प्रशिक्षण कार्यशाला

चीनी विरोध: हाथों पर सजेगी स्वदेशी राखियां

इंदौर। हमारे वीर जवान चीन से लड़ रहे हैं और देशभर में चीन के खिलाफ देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इंदौर के सांसद ने चीनी सामान के खिलाफ बड़ी पहल की है। सांसद शंकर लालवानी ने चीन में बनी राखियों के खिलाफ स्वदेशी ‘सांसद राखी’ की प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया है।


बच्चों के खिलौने से लेकर मशीनरी तक चीन का कब्ज़ा है। यहां तक कि गणेशोत्सव पर गणपति प्रतिमा, दिवाली पर मिट्टी के दिए और रक्षाबंधन पर राखी भी चीन से ही आती है। चीन हमारे त्यौहारों पर भी कब्जा जमा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के बाद इंदौर सांसद ने चीन के खिलाफ बड़ी पहल की है।
सांसद लालवानी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राखी बनवाने का काम शुरू किया है। राखी बनाने की प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। हम 130 करोड़ भारतीय प्रण कर लें तो चीन पर निर्भरता खत्म की जा सकती है।’
‘सांसद राखी’ कार्यक्रम में महिलाओं को भारत में बना राखी बनाने का सामान निःशुल्क दिया जाएगा। इन राखियों की दुकान भी लगाई जाएगी। इन्हें ऑनलाइन भी बेचा जाएगा। इस राखियों की बिक्री से प्राप्त राशि भी राखी बनाने वाली महिलाओं को दी जाएगी।
सांसद द्वारा विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कोरोना से सम्बंधित सावधानियों का ध्यान रखते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया है। महिलाओं के लिए ये प्रशिक्षण सत्र राखी तक लगातार चलते रहें। इस अभियान को और बड़े स्वरुप में ले जाएंगे और कम से कम देशवासियों को चीन से राखी खरीदने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। प्रशिक्षण सोना कस्तूरी एवं एकता मेहता की टीम ने दिया। कार्यक्रम की व्यवस्था में सुनीता गुरंग, सुनीता जयपाल, टीना नावरे, शुभम सोलंकी और जितेंद्र पारख का विशेष योगदान रहा।



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