डॉक्टरों को नमन: कोरोनो से लड़ाई में डॉक्टरों ने अपने नवजात बच्चों तक को नहीं देखा–मुख्यमंत्री
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पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी
मध्यप्रदेश को कोरोना मुक्त बनाने में डॉक्टरों ने दिया अमूल्य योगदान
प्रदेश में पन्द्रह दिवसीय किल-कोरोना अभियान का शुभारंभ
भोपाल ब्यूरो. कोरोनो से लड़ाई में कत्र्तव्यन्ठिता के कारण डॉक्टरों ने अपने नवजात बच्चों तक को नहीं देखा। कई दिनों तक अपने घर नहीं गए, बच्चों व पत्नी से नहीं मिले और कोरोना से लड़ाई में योगदान देकर मप्र को कोरोना मुक्त बनाने का प्रयास करते रहे। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य दिवस और डाक्टर्स-डे पर इस अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयासों से कोरोना के नियंत्रण की वर्तमान स्थिति बनी है। डॉक्टर को धरती का भगवान माना जाता है। मध्यप्रदेश में इस मान्यता और विचार को डॉक्टरों ने चरितार्थ कर इतिहास रचा है। उन्होंने दिन-रात लगातार संक्रमण से प्रभावित लोगों की सेवा की। कई डॉक्टर रात में अपनी कार में ही सोये। कई डॉक्टरों ने अपने नवजात बच्चों का चेहरा भी नहीं देखा और अस्पताल में ड्यूटी पर बने रहे। परिवार के सदस्यों से दूर रहहे। ऐसे डॉक्टरअभिनंदन के पात्र हैं। डॉक्टर्स के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ के समर्पित प्रयास रंग लाए हैं। नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा बहनों ने भी सेवा में कमी नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व से पूरे देश में कोरोना पर नियंत्रण में सफलता मिली है, वहीं एमपी में स्थिति अच्छी है। आईआईटीटी अर्थात आइडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग से रोग को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार से 15 दिवसीय किल कोरोना अभियान का समन्वय भवन भोपाल में शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से हम सबको मिलकर लडऩा है। हमारी जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री ने किल-कोरोना अभियान में आमजन से इस अभियान में सक्रिय सहयोग का आव्हान किया। इसके साथ ही सार्थक लाइट एप का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर, विधायक कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा और सुरेन्द्र सिंह शेरा उपस्थित थे।