न मंदिर में घंटे की नहीं सुनाई देगी आवाज, न मस्जिद में होगा वजु

न मंदिर में घंटे की नहीं सुनाई देगी आवाज, न मस्जिद में होगा वजु

अनलॉक वन की गाइड लाइन में सिर्फ 30 सेकेंड कर पाएंगे दर्शन, मप्र में 8 जून से खुलेंगे मंदिर

भोपाल ब्यूरो । कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो माह से अधिक समय से मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद है। अनलॉक दो में मप्र में 8 जून से धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। इसमें न तो मंदिर में घंटा बजा सकेंगे और न ही मस्जिद में वजु होगा।

कोरोना की मार के कारण सब बदला हुआ नजर आएगा। मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा में सीमित संख्या में लोगों को बारी-बारी से प्रवेश दिया जाएगा। अंदर जाने से पहले सैनेटाइज करना होगा। मंदिर में सिर्फ 30 सेकेंड दर्शन कर सकेंगे और गुरुद्वारा में अब लंगर नहीं होगा। मस्जिद में वजू की व्यवस्था बंद कर दी गई है। चर्च में एक बेंच पर एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति ही बैठ सकेगा। दर्शन और पूजा की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। श्रद्धालु सिर्फ 30 सेकेंड दर्शन कर पाएंगे, लेकिन मंदिरों में घंटा नहीं बजा सकेंगे। साथ ही मंदिर परिसर में 5 मिनट से ज्यादा नहीं रुक पाएंगे। अब तय संख्या के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। बाकी को गेट के बाहर रोका जाएगा। पहले से मौजूद भक्तों के दर्शन करने और मंदिर से बाहर जाने के बाद ही गेट पर खड़े श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा।

अब सोशल डिस्टेंस से होगी नमाज
मस्जिदों में नमाज अदा करने की व्यवस्था भी बदली जा रही है। नमाज अदा करते समय पहले जहां कंधे से कंधा मिलाकर नमाज होती थी। अब सोशल डिस्टेंस के साथ नमाज अदा की जाएगी। मस्जिदों में वजु नहीं किया जाएगा। सभी को अपने घर से वजू करके मस्जिद पहुंचना होगा। बारी-बारी से लोगों को नमाज के लिए मस्जिद में प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश से पहले खुद को सैनेटाइज करना होगा।
चर्च में एक बेंच पर एक मेंबर
चर्च में प्रेयर में शामिल होने वाले मेंबर अब तक एक साथ कुर्सियों पर बैठते थे। अब कुर्सियों के बीच 2 मीटर की दूरी रखी जाएगी। पहली प्रेयर 14 जून को होगी। लोग ज़्यादा होने पर दो बार प्रेयर की जाएगी। अब एक बेंच पर केवल एक ही मेंबर बैठ सकेगा। कैरोल गाने वाली टीम के बीच भी डेढ़ मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा।
सैनेटाइज करने के बाद ही टेक सकेंगे मत्था
गुरुद्वारों में अरदास की व्यवस्था भी अब नई होगी। अब गुरुद्वारों में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। गुरुद्वारे में प्रवेश करते ही ऑटोमेटिक सैनेटाइजेशन मशीन से अपने हाथों को सैनेटाइज करना होगा। इसके बाद ही लोग गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेक सकेंगे। यहां पर भी एक से डेढ़ मीटर की दूरी का ध्यान रखा जाएगा। गुरुद्वारे में अब लंगर नहीं होगा, सिर्फ भोग बांटा जाएगा।


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