तपेदिक(टीबी) बीमारी उन्मूलन के लिए भारत अनुसंधान कार्य में है अग्रणी

thespecialnews//health Correspondent//new delhi//विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अक्टूबर 2016 में जारी वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट में टीबी बीमारी की घटनाओं का आकलन किया गया यानी 2015 में टीबी के 2.8 मिलियन नए मामले सामने आए  । तपेदिक से मरने वाले मरीजों की संख्या एचआईवी पॉजिटिव लोगों की मृत्यु को छोड़कर 2015 में 478,000 तथा 2014 में 483,000 रही।  तपेदिक(टीबी) भारत की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इस बीमार से प्रत्येक तीन मिनट में दो भारतीय और रोजाना 1,000 लोगों की जान चली जाती है। विश्व में भारत पर तपेदिक का बोझ सबसे अधिक है। आईसीएमआर की अग्रणी पहल भारत टीबी अनुसंधान और विकास निगम(आईटीआरडीसी) का उद्देश्य टीबी के लिए नए साधन(औषधि, निदान और टीके) विकसित करने के लिए प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाना है। विस्तृत जानकारी देते हुए आईसीएमआर की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के निर्देशन में टीबी उन्मूलन को प्राथमिकता के तौर पर लिया गया है। उद्देश्य टीबी के नए मामलों में 95 प्रतिशत की कमी लाना और टीबी से मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी लाना है। उन्होंने कहा कि उपचार दरों में सुधार और नए मामलों में में तेजी से कमी लाने के लिए अनुसंधान कार्य में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों को शामिल करके टीबी मरीज के इलाज के लिए रणनीति तय करने पर अनुसंधान कार्य में बल दिया जाएगा। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी मरीजों को गुणवत्तासंपन्न निदान और उपचार सुविधा उपलब्ध हो।

 

Share this story