ट्यूशन फीस लेकर भी पूरे फायदे में स्कूल, 5 साल का हो ऑडिट

  • सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पालकों ने भी पकड़ा मैदान, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

  • इंदौर। स्कूलों द्वारा कोरोना संक्रमण काल में स्कूल फीस वसूलने के खिलाफ अब पालक संघों ने मोर्चा खोल लिया है। स्कूल संचालकों द्वारा जहां फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है वहीं अब पालक फीस भरने में सक्षम नहीं है। इसको लेकर मुख्यमंत्री को ट्वीट करने के साथ ही पत्र लिखने का दौर शुरू हो गया है।
    कोरोना संक्रमण के चलते लोगो को सामने जहां रोजगार व रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है वहीं अब स्कूल संचालक बच्चों की फीस के लिए भी दबाव बनाना शुरू कर दिए है। ऐसे में पालकों द्वारा व्यापार व्यवसाय नहीं होने से फीस भरने में सक्षम नहीं है। प्राइवट स्कूलों द्वारा गैर वाजिब फ ीस वसूले जाने के विषय में सामाजिक कार्यकर्ता युवराज सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिख फीस माफी की जाने की मांग करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओ पर ध्यानाकर्षण करवाया । उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा की ट्यूशन फ ीस लेकर भी पूरे फ ़ायदे में है। वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा विश्व बुरी तरह प्रभावित है। प्रदेश सरकार एवं जनता इस महामारी से बचाव हो सके उसके लिए हर संभव प्रभावी प्रयास कर रही है। जैसा कि आपको ज्ञात है की इस महामारी के कारण विगत मार्च माह से स्कूलों का संचालन बंद है। पालकों द्वारा फीस माफी के अनुरोध पर राज्य शासन के शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल संचालको को एक आदेश जारी कर सिफऱ् ट्यूशन फीस लेने को कहा गया है ।

स्टाफ के वेतन में कटौती
उन्होने कहा कि कई स्कूलों द्वारा अपने स्टाफ के वेतन में 50 प्रतिशत तक कटौती कर दी गई है। एडमिशन के नाम पर भी बड़ी राशि वसूली जा रही है। स्कूलों द्वारा किसी भी प्रकार के अतिरिक्त रूप में शुल्क लेने की पाबंदी लगाई जाए। अगस्त तक स्कूल शुरू होने की संभावना नहीं होने से पूरी फीस माफ की जाए। स्कूलों का पांच साल का आडिट करवाया जाए, जिससे वित्तीय स्थिति का आंकलन हो सके। फीस रेग्युलेशन एक्ट लागू करवाया जाए।

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