गंगा दशहरे का पर्व सात महायोग में, हस्त नक्षत्र करेंगे सभी पापों का हरण

गंगा दशहरे का पर्व सात महायोग में, हस्त नक्षत्र करेंगे सभी पापों का हरण

कोरोना के चलते गंगा दशहरा पर्व मनेगा घर-घर में
इंदौर। इस वर्ष गंगा दशहरे का पर्व दस में से सात महायोग में एक जून सोमवार को मनाया जाएगा। सोमवार व हस्त नक्षत्र सभी पापों का हरण करेंगे। घर-घर में गंगा दशहरा पर्व मनाया जाएगा। गंगा माता की पूजन किया जाएगा।
ऐसी मान्यता है कि गंगाजी का अवतरण ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हुआ, जो गंगा दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। इस वर्ष यह पर्व दस महायोगों में से सात योगों में 1 जून सोमवार को मनाया जाएगा। सोमवार को दशमी तिथि दोपहर 2 बजकर 57 मिनिट तक रहेगी। गंगाजी का अवतरण ब्रह्माजी के कमण्डल जल से नारायण के पाद प्रक्षालन द्वारा उत्पन्न होकर देवाधिदेव महादेव की जटाओं में समा गई थी। धर्मसिंधु व पौराणिक ग्रन्थों की मान्यता अनुसार गंगाजी का अवतरण दस महायोग ( ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतीपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा व वृषभ राशि के सूर्य ) में हुआ था। दस महायोगों के साथ हस्त नक्षत्र व सोमवार का भी विशेष महत्व है। इस वर्ष एक जून को उपर्युक्त दस महायोग में से सात महायोग सोमवार को है। इन योग में गंगा पूजन व स्नान करने से दस प्रकार के पापों व तीन कायिका , चार वाचिका व तीन मानसिक पापों का नाश होता है। इसलिए यह पर्व गंगा दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है।
गंगा पूजन में दस वस्तु का महत्व
गंगाजी के पूजन में दस की संख्या का ही महत्व है। जैसे दस पूजा उपचारों से पूजन, दस ब्राह्मणों की पूजा व दस दान आदि। गंगा स्नान में दस डूबकी लगाने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। आज के दिन गंगाजी के अवसतर की कथा श्रवण का भी विशेष महत्व है। कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालु गंगा घाट पर नहीं जा पाएंगे। अपने घरों पर ही गंगा पूजन करें व जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।

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