कोरोना ने ली परीक्षा, कई परिवारों ने अपनों को नकारा

कोरोना ने ली परीक्षा, कई परिवारों ने अपनों को नकारा

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  • संक्रमण के बाद अस्पताल से ठीक होकर लौटे लेकिन परिवार ने बाद में संपर्क तक नहीं किया

नईदिल्ली ब्यूरो। कोरोना काल में अपने-पराए की समझ भी लोगों को होने लगी है। कोरोना ने अपने ही रिश्तों की परीक्षा ली। कई परिवारों ने अपनों को ही नकार दिया। संक्रमण के बाद अस्पताल से ठीक होकर लौटे तो भी संपर्क तक नहीं किया।

कई बुजुर्गों को जैसे ही कोरोना संक्रमण पाए गए तो परिवार के लोगों ने उनका फोन उठाना ही बंद कर दिया। संक्रमण से ठीक होने के बाद परिवार के लोग लेने तक नहीं आए है। नईदिल्ली के एक बुजुर्ग ने बताया कि उनके बेटे ही उनका न तो फोन उठा रहे है और न ही उन्हें लेने के लिए आ रहे है। वहीं फिलीपींस में एक युवक अपने मां को संक्रमण के चलते भरती होने पर रोज अस्पताल की खिड़की पर जाकर निराहता रहता है। वहीं उप्र के एक परिवार में मां की संक्रमण से मौत होने पर उसके चार बेटे भी संक्रमण में मौत के गाल में समा गए। लेकिन उन्होंने अपनी माता का साथ नहीं छोड़ा।

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