इंदौर में कोरोना रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से भी अधिक, डेथ रेट करीब 3.7 प्रतिशत

इंदौर में कोरोना  रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से भी अधिक, डेथ रेट  करीब 3.7 प्रतिशत

कोविड 19 के नए प्रकरण माइल्ड एवं एसिंप्टोमेटिक प्रकृति के, ट्रीटमेंट तुलनात्मक रूप से हुआ आसान

इंदौर। मप्र की उद्योगिक राजधानी इंदौर में कोरोना संक्रमण से रिकवरी रेट जहां 50 प्रतिशत से अधिक हुआ है वहीं डेथ रेट में भी कमी दर्ज की गई है। डेढ रेट 3.7 प्रतिशत हुआ है। नए प्रकरण माइल्ड एवं एसिप्टोमेटिक प्रकृति के आ रहे है तो ट्रीटमेंट तुलनात्मक रूप से आसान हुआ है।
इंदौर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने जिले में कोविड-19 के चलते विभिन्न पहलुओं पर शासन प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कोविड-19 की कोई वैक्सीन या दवाई मिलना कठिन है। अत: हम सभी को पूर्ण सावधानी के साथ कोविड 19 के संक्रमण से बचाव कर आगे बढऩा होगा। इस दिशा में आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न अनुमति आदेश जारी किए जा रहे हैं। इंदौर की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया किए शहर में डेथ रेट काफ ी कम हुआ ह,ै जो करीब 3.7 प्रतिशत के करीब है। इसी प्रकार रिकवरी रेट भी बड़ा है जो 50 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि यलो हॉस्पिटल जिनमें कोविड सस्पेक्टेड पेशेंट का इलाज होता है, उनमें भी मरीजों की संख्या में कमी आई है।
घरेलू औषधियों से बढ़ेगी प्रतिरोधक क्षमता
संभागायुक्त ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाया गया काढ़ा भी पूरे शहर में वितरित किया जा रहा है। इस त्रिकूट चूर्ण के साथ गोलियां भी दी जा रही हैं जिनके सेवन से शहरवासियों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त हमें घरेलू हब्जऱ् जैसे हल्दी, लौंग, काली मिर्च, तुलसी,अदरक और विटामिन सी तथा जिंक का भी सेवन करना चाहिए। साथ ही योग, प्राणायाम भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत कारगर साबित होता है।
पुराने 200 क्षेत्रों से एक भी पॉजिटिव नहीं
उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किए गए 200 से अधिक क्षेत्र ऐसे हैं जहां पिछले एक मई से एक भी कोविड 19 पोजिटिव प्रकरण सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार नये प्रकरणों में करीब 80 प्रतिशत प्रकरण माइल्ड तथा एसिंप्टोमेटिक प्रकृति के आ रहे हैं। नए कंटेनमेंट क्षेत्र से एक या दो केसेस देखने मिल रहे हैं। सैंपलिंग की रफ्तार भी बढ़ाई गई है तथा कोशिश है कि एक दिन में करीब एक हजार से अधिक सैंपल किए जा सकें।

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