इंदौर की स्थिति नियंत्रित, प्रशासन की कर्मठता ने बचाया शहर को

इंदौर की स्थिति नियंत्रित, प्रशासन की कर्मठता ने बचाया शहर को

मुख्यमंत्री ने इंदौर में जिला एवं राज्य स्तरीय कोरोना की स्थिति की समीक्षा की

इंदौर। जनता की जागरूकता तथा प्रशासन की क्रियाशीलता के कारण ही कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति नियंत्रित हो सकी। इंदौर में अब कोरोना संक्रमित पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों से काफी कम है।
इंदौर में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करने आए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर की जनता एवं प्रशासन को उनकी कर्मठता एवं सहयोग के लिए बधाई दी। अब कोरोना संक्रमित पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों से काफ ी कम है। डिस्चार्ज एवं रिकवरी रेट 64 प्रतिशत से भी अधिक पहुंच गया है जो एक सकारात्मक संकेत है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर कार्यालय के एनआईसी रूम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा इंदौर एवं राज्य स्तरीय कोरोना की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान .जल संसाधन मंत्री एवं इंदौर के प्रभारी तुलसीराम सिलावट, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला, संभागायुक्त डॉ पवन शर्मा, जनसंपर्क आयुक्त सुदाम पीखाड़े, कलेक्टर मनीष सिंह आदि उपस्थित थे। बैठक के दौरान भोपाल से मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम इंदौर की समीक्षा की।


8 प्रतिशत के औसत से सैंपल
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि करीब 48 हजार 6 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। इन टेस्ट के पश्चात करीब 8 प्रतिशत के औसत से कोरोना पॉजिटिव प्रकरण सामने आए हैं, जबकि इन आंकड़ों की इस सप्ताह की दर करीब 2 प्रतिशत ही है। जिसका तात्पर्य है कि इंदौर में स्थिति काफ ी हद तक सकारात्मक प्रतीत हो रही है। कलेक्टर ने बताया कि रिकवरी एवं डिस्चार्ज हो रहे मरीजों की दर 65 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है। शहर के संवेदनशील मध्य क्षेत्र को अभी नहीं खोला गया है एवं यहां पाबंदी जारी है। इंदौर के एक्टिव प्रकरणों के देश में कंट्रीब्यूशन की दर लगातार कम हो रही है। मोर्टेलिटी रेट भी कम हुई है जो लगभग 2.20 प्रतिशत है। इसे और घटाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सर्वे कार्यए फ ीवर क्लीनिक के माध्यम से उपचार एवं संदिग्ध मरीजों को अस्पताल रेफ र करना तथा जनरल प्रैक्टिशनर डॉक्टर के माध्यम से सर्दीए खांसी, बुखार अन्य लक्षणों की पहचान कर संदिग्धों का पता लगाने की प्रक्रिया निरंतर प्रचलन में है।
13 हजार बेड की जरूरत
मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर में हॉस्पिटल में बेड की स्थिति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने बताया कि जून अंत एवं जुलाई में कोरोना की संभावित पीक को दृष्टिगत रखते हुए करीब 13 हजार बेड की जरूरत होगी। जिसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इन 13 हजार बेड में करीब 2 हजार बेड ऑक्सीजन फैसिलिटी वाले आवश्यक होंगे। मुख्यमंत्री ने बेड से संबंधित व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कार्य भी 15 जून तक पूर्ण हो जाएगा, जिससे अतिरिक्त मेडिकल कैपेसिटी की पूर्ति होगी। एमवाय अस्पताल के बारे में उन्होंने बताया कि यहां ना केवल इंदौर के बल्कि संभाग के अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं, अत: एम वाय अस्पताल को कोविड 19 से मुक्त रखा गया है।

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