इंदौर मे कोरोना पर नई पहल-प्रायवेट हॉस्पिटल गोद लेंगे सरकारी फीवर क्लीनिक
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अब और बेहतर होगा कोरोना का इलाज, इंदौर जिले में निजी अस्पतालों का मिलेगा सहयोग, फीवर क्लीनिकों की सेवाओं, व्यवस्थाओं को देंगे और अधिक विस्तार, कलेक्टर मनीष सिंह की पहल रंग लाई, शुरुआत होगी शेल्बी हास्पिटल से
इंदौर ब्यूरो. देश का सबसे स्वच्छ शहर कोरोना से कांप उठा था, लेकिन कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने प्रयासों से कोरोना पर लगभग अंकुश लगा दिया है। कोरोना की जांच के लिए सरकार ने प्रदेश में फीवर क्लिनिक स्थापित किए । इन क्लिनिक में लाखों लोगों का इलाज किया गया है।
अब इन फीवर क्लिनिकों को इंदौर में नया आयाम मिल रहा है। इन क्लिनिक को इंदौर के बड़े निजी अस्पताल गोद ले रहे हैं, इससे अब मरीजों को अधिक सुविधाएं मिलेगी। इंदौर जिले में लगभघ 35 हजार लोगों का फीवर क्लिनिक में इलाज किया जा चुका है।
प्रदेश में सर्दी, खाँसी, बुखार व अन्य छोटी परेशानियों के लिए मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा था, प्रदेश सरकार ने उपचार के लिए शुरू किए गए फीवर क्लीनिकों को बेहतर प्रतिसाद मिला है। अब कलेक्टर सिंह की पहल से इंदौर जिले में निजी बड़े अस्पतालों का सहयोग भी मिल रहा है। फीवर क्लीनिकों में सेवाओं को बेहतर व विस्तारित किया जाएगा। इसकी शुरूआत इंदौर के शेल्बी हॉस्पिटल से होगी। यह हॉस्पिटल द्वारा झोन -9 के फीवर क्लिनिक को गोद लिया जाएगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले में कुल 44 फीवर क्लिनिक चलाए जा रहे है। इनकी संख्या जिले में और बढ़ाई जाएगी। जिले में रोजाना औसतन सवा हजार से अधिक मरीज फीवर क्लीनिक पहुंच रहे हैं और अपना परीक्षण व इलाज करवा रहे हैं। इन क्लीनिकों में खांसी, सर्दी, बुखार, डायबिटिज, ह्दयरोग, हायपर टेंशन आदि का इलाज हो रहा है। फीवर क्लीनिकों में दवाइयां उपलब्ध कराई गई है। अब निजी क्षेत्र के अस्पतालों द्वारा प्रत्येक झोन के फीवर क्लिनिक को गोद लिया जाएगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में कुल 44 फीवर क्लीनिक हैं। शहरी क्षेत्र में 19 और 25 फीवर क्लीनिक ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे हैं। जिले में 35 हजार से अधिक मरीजों ने फीवर क्लीनिक का लाभ लिया है।