मनरेगा सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजनाओं में से एक- तोमर

मनरेगा सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजनाओं में से एक- तोमर

केंद्रीय मंत्री तोमर की अध्यक्षता में 21वीं केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद् (मनरेगा) की ऑनलाईन बैठक संपन्न
इंदौर ब्यूरो। सरकार श्रमिकों के बैंक खातों में 100 मजदूरी का भुगतान करने की उपाय पर काम कर रही है। मनरेगा में जल संरक्षण व सिंचाई संबंधी व्यक्तिगत परिसंपत्तियों के निर्माण को प्राथमिकता से कृषि क्षेत्र को मदद करेगा। मनरेगा के लिए 61 हजार 500 करोड़ का बजट था लेकिन आत्मनिर्भर भारत अभियान में 40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है।
बुधवार को कंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण और पंचायती राज्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई। जिसमें तोमर ने कई तरह के निर्देश भी दिए। बैठक में तोमर ने कहा कि मनरेगा सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजनाओं में से एक है। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम में 261 अनुमेय कार्य है जिनमें से 164 प्रकार के कार्य कृषि ौर संबंद्ध गतिविधियों से संबंधित है। सरकार ने जल संरक्षण , सिंचाई संबंधी व्यक्तिगत परिसंपत्तियों और परिसंपत्तियों के निर्माण को प्राथमिकता दी है, जो कृषि क्षेत्र को मदद करेगी। अब श्रमिकों को बैंक के माध्यम से मजदूरी का भुगतान करने के लिए सरकार काम कर रही है। राज्यों को पहले ही 28 हजार करोड़ रुपए जारी किए जा चुके है।
श्रमिकों की रूचि की भी ले जानकारी
बैठक में मनरेगा समिति सदस्य अंजू माखीजा ने सुझाव दिया कि सरकार के द्वारा मजदूरों को 40 प्रतिशत मजदूरी दी जाए और निर्माण कार्य में मटेरियल के लिए 60 प्रतिशत दिया जाए। ताकि मटेरियल भरपूर मात्रा में हो तो काम ना रूके। इसी के साथ सरकार के द्वारा प्रदेशों में राशन देने के लिए मजदूरों के कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही उससे जानकारी ली जाए की उनकी किस कार्य में रूचि और कौशल है। ताकि उद्योगों में लगने वाले कर्मचारियों का चयन भी हो सकेंगा। अन्य सदस्यों ने भी योजना में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। केंद्रीय मंत्री तोमर ने अधिनियम के दायरे में सभी सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया।

Share this story