ध्वजारोहण के साथ वेंकटेश देवस्थान में ब्रम्होत्सव शुरू

ध्वजारोहण के साथ वेंकटेश देवस्थान में ब्रम्होत्सव शुरू

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  • रजत कलशों की स्थापना कर महाभिषेक, 23 तक चलेगा उत्सव

  • इंदौर ब्यूरो। श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा एकांत महोत्सव के प्रथम दिवस 17 जून को नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा प्रात: काल मे ध्वजारोहण कर शुभारंभ किया गया।
    प्रात: काल मे देवस्थान के पुजारी व विद्यार्थियों द्वारा स्तोत्र पाठ कर गोविंदा-गोविंदा के जयघोष के साथ गरुडज़ी ध्वजा का पूज न किया गया। दक्षिण भारतीय पद्धति द्वारा गरुड़ ध्वज पर चढ़ाकर श्री ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। शेषावतार श्री रामानुज स्वामी का नव रजत कलशों की स्थापन कर महाभिषेक किया गया। रजत कलशों में गाय का दूध,दही, घी, शकर, इत्र, केशर, फलों का रस नदियों के जल, नारियल का जल, हल्दी को समाश्रित कर तिरूमंजन एकटी कर शंखधार चक्रधार शेषावतार श्री रामानुजाचार्य स्वामीजी के महाभिषेक वेदों और स्तोत्र पाठ के साथ किया।
    कोरोना खत्म करने को लेकर करें प्रार्थना
    लाइव संत सभा का शुभारंभ करते हुए नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी विष्णुप्रपन्नचार्य महाराज ने कहा कि रामानुज स्वामीजी ने ही भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया। जो भक्त पूर्ण समर्पण भाव से शरणागति कर लेता है,उन पर उनकी कृपा सरलता मात्र से ही प्राप्त हो जाती है। वह भक्त भक्ति का मार्ग प्रशस्त कर लेता है ओर उन्हें ही ठाकुर जी की सेवा का लाभ मिलता रहता है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष में एक बार ठाकुर जी भक्तो के प्रेम वश अभिभूत होकर बाहर आकर भक्तो को दर्शन देते थे, पर इस वर्ष तो ठाकुर जी भी यही सोच रहे होंगे ओर आपको बारम्बार याद कर रहे है की मेरे भक्तो से भरा रहने वाला मेरा दरबार ही खाली पड़ा है। ठाकुर जी से यही प्रार्थना है इस वैश्विक महामारी को खत्म करो और शीघ्र पुन: भक्तो के दर्शन के लिए आप सुलभ हो जाये। उज्जैन के युवराज स्वामी माधव प्रपन्नाचार्य महाराज, दिव्यांश वेदांती ने भी प्रवचन दिए।
    रजत रथ पर निकले स्वामी
    रात्री में शेषावतार श्रीं रामानुज स्वामीजी की सवारी रजत रथ पर आरूढ़ होकर देवस्थान में निकली। जिसमे सिर्फ स्वामीजी महाराज व पुजारी ही सम्मलित हो पाए और सभी भक्तो ने घर पर हीं पूरे परिवार के साथ लाइव दर्शन कर गोविंदा की जय जय कार की। सभी के मन की उपस्थिति देवस्थान में ही थी। सवारी में स्तोत्र पाठ कर कपूर से बारम्बार आरती की जा रही थी। साथ ही लाइव भजन का लाभ भी भक्तो ने लिया।

18 जून के उत्सव

प्रात: 9 बजे से भगवती श्री महालक्ष्मी जी का महाभिषेक, तत्पश्चात प्रवचन, आरती। रात्री 8.30 बजे से भगवती श्रीमहालक्ष्मी जी की सवारी स्वर्ण मंगल गिरी पर निकलेगी। लाइव भजन भी होंगे

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