इंदौर में अभी नहीं खुलेंगे धर्मस्थल, ३० जून के बाद होगा विचार

इंदौर में अभी नहीं खुलेंगे धर्मस्थल, ३० जून के बाद होगा विचार

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  • आगामी समय में परिस्थितियों को देखकर धर्मस्थल खोलने संबंधी निर्णय लेने का अधिकार धर्मगुरूओं और धर्मस्थलों के प्रबंधकों ने प्रशासन को सौंपा
  • प्रशासन के अधिकारियों और धर्मगुरूओं तथा धर्मस्थल प्रबंधकों की बैठक सम्पन्न

इंदौर ब्यूरो। धर्मस्थलों को फिलहाल नहीं खोलने पर सभी धर्म गुरुओं की सहमति है। 30 जून के बाद ही इंदौर में धर्मस्थल खोलने पर विचार किया जाएगा। आगामी समय में परिस्थितियों को देखकर धर्मस्थल खोलने संबंधी निर्णय प्रशासन अपने स्तर पर लें।
इंदौर में धर्मस्थलों को खोले जाने तथा वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ नियंत्रण तथा अन्य एहतियाति प्रबंध करने के संबंध में सुझावों एवं चर्चा के लिए मंगलवार को एआईसीटीएसएल परिसर में प्रशासन के साथ धर्मगुरुओं तथा धर्मस्थल प्रबंधकों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, सांसद शंकर लालवानी सहित विभिन्न धर्मों के प्रमुख तथा धर्मस्थलों के प्रबंधक मौजूद थे। बैठक में सर्वसम्मति से धर्मगुरूओं और धर्मस्थलों के प्रबंधकों ने तय किया कि धर्मस्थल अभी नहीं खोले जाएं। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि धर्मस्थलों को खोले जाने के संबंध में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अगले सात दिन पश्चात धर्मगुरूओं और धर्मस्थल प्रबंधकों के साथ पुन: बैठक कर धर्मस्थल खोले जाने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि इंदौर में कोरोना से उपजी स्थिति को सुधारने में विभिन्न धर्मों के प्रमुखों की भी अहम भूमिका रही है। बड़ी मुश्किल से हालात बेहतर हो रहे हैं। ऐसे समय में सबके सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मगुरू तथा प्रबंधक अपने-अपने धर्मस्थल से संबंधित सदस्यों से चर्चा कर भविष्य के लिए प्लान तैयार करें। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, भीड़ नियंत्रण, अन्य एहतियाति उपाय आदि पर विस्तृत प्लान हो। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित धर्मस्थल के प्रमुखों की रहेगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के संक्रमण की स्थिति आगामी 25 जून तक सामने आ जाएगी। इसका आंकलन कर इंदौर में व्यवस्थाएं की जा रही हैं। बैठक में शहर काजी डॉइशरत अली, गुरूसिंघ सभा के जसवीर सिंह गांधी, बिशप चाको, सुरेश काल्टन, अशोक भट्ट सहित विभिन्न धर्मस्थलों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप धर्मस्थल खोले जाना उचित नहीं है। अभी और इंतजार करने की आवश्यकता है।
सांसद करवाएंगे नि:शुल्क सेनेटाइजेशन
बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर विषम परिस्थितियों से जूझते हुए बेहतर स्थिति में आ रहा है। ऐसे वक्त में हमें और अधिक सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। सभी ने जिस तरह शासन-प्रशासन को पूर्व में सहयोग दिया है, अभी भी उसी तरह का सहयोग दें। धर्मस्थलों को खोले जाने के संबंध में सर्वसम्मति से जो निर्णय हुआ है, उसका धैर्यपूर्वक पालन किया जाए। उन्होंने बताया कि सांसद कार्यालय द्वारा नॉन एल्कोहॉलिक सेनेटाइजेशन के लिये दो मशीनें क्रय की गई हैं। जो भी धर्मस्थल अपने परिसर में सेनेटाइजेशन करवाना चाहते हैं, उनके यहां नि:शुल्क नॉन एल्कोहॉलिक सेनेटाइजेशन करवाया जाएगा।

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