पिछले 8 वर्षों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को सहेजा, इतिहास की भूल को सुधारने का कार्य कर रहे है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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द स्पेशल न्यूज़// दिल्ली ब्यूरो// देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वीर नायकों को इतिहास में वो स्थान नहीं मिला जो जरूर मिलना चाहिए था। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस उन महानायक में से थे। इतिहास की इस भूल को सुधारने का कार्य कर रहे है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 8 वर्षों में नेताजी की विरासत को सहेजने का काम किया है और इन महत्वपूर्ण कदमों से उनके विचारों को नई व युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में काफी कारगर सिद्ध हो रहा है।

 

भारत सरकार ने वर्ष 2015 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की सभी 304 फाइलों को डी-क्लासिफाइड किया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर सुभाष चंद्र बोस द्वारा पहली बार तिरंगा फहराया गया था, इस ऐतिहासिक क्षण की 75वीं वर्षगांठ पर 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने अंडमान निकोबार में तिरंगा फहराया था ।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के नाम से भारत सरकार द्वारा वार्षिक पुरस्कार की भी शुरुआत की गई । 
23 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले में सुभाष चंद्र बोस को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन किया ।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर स्मरणोत्सव मनाने का निर्णय भी लिया गया।
प्रधानमंत्री ने 23 जनवरी 2021 को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया।
23 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री ने दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया।  
8 सितम्बर 2022 को दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई ।  

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